महात्मा गांधी /गांधी जयंती पर भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य, सभी शिक्षकगण और मेरे प्यारे सहपाठियों आप सभी को सादर प्रणाम। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज हम यहां महात्मा गांधी जयंती को मनाने के लिए यहां उपस्थित हैं। आज के इस पावन अवसर पर मैं महात्मा गांधीजी के बारे में चंद शब्द कहना चाहूंगा।
महात्मा गांधीजी एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। आज हम उनकी 151 वीं जयंती मना रहे हैं। उनका जन्म 2 अक्तूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में हिंदू परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनकी माताजी का नाम पुतलीबाई था। गांधीजी के पिताजी पोरबंदर,राजकोट के दिवाण थे। सन 1883 में,13 साल की आयु में गांधीजी का विवाह कस्तुरबा माखनजी के साथ हुआ था।
महात्मा गांधीजी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पोरबंदर और माध्यमिक शिक्षा राजकोट में पूरी की थी।उसके बाद वे कानून की पढ़ाई करने और बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड चले गये। युनिव्हर्सिटी कॉलेज लंदन में उन्होंंने कानून की पढाई की और बैरिस्टर बन गये।
गांधीजी को अपने जीवन में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान हैं। देश की स्वतंत्रता के लिए उन्होंंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अथक संघर्ष किया,कई सत्याग्रह आंदोलन किए,कई बार उन्हे जेल में डाला गया लेकिन उन्होने हार नहीं मानी थी। गांधीजी लड़ते रहे और उनके अथक संघर्ष और हजारों वीर सपूतों के बलिदान के कारण हमारा भारत 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ।
ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी का 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में निधन हो गया। नथुराम गोडसे ने गांधीजी की हत्या की थी।
मुझे यहां बोलने का अवसर दिया इसके लिए आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद...
जय हिंद...जय भारत...वंदे मातरम...महात्मा गांधी की जय...
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